वक्त के सांचे में हम ढले नहीं
इसलिए दूर तक चले नहीं
दोस्तों को हमसे शिकायत रही
धूप में क्यों बर्फ से गले नहीं
क्या लाजवाब है हमारी हठधर्मी
उम्रभर सुलगे मगर जले नहीं
खींच लाये क्यों हमें इस दल दल में
शायद इरादे आपके भले नहीं
बहुत कोशिस की फिर भी
दुर्दिनो के काफिले टले नहीं
खाद दी सींचा संवारा जातां से
फूल महके वृक्छ हरियाये पर फले नहीं .
"चरण"
इसलिए दूर तक चले नहीं
दोस्तों को हमसे शिकायत रही
धूप में क्यों बर्फ से गले नहीं
क्या लाजवाब है हमारी हठधर्मी
उम्रभर सुलगे मगर जले नहीं
खींच लाये क्यों हमें इस दल दल में
शायद इरादे आपके भले नहीं
बहुत कोशिस की फिर भी
दुर्दिनो के काफिले टले नहीं
खाद दी सींचा संवारा जातां से
फूल महके वृक्छ हरियाये पर फले नहीं .
"चरण"
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