Anubhav
Saturday, September 3, 2011
पिछले दिनों
कविता के छेत्र में
हमने कुछ ऐसे बीज बोये
कि
हमारी हास्य रस कि कविता पर
श्रोता फूट फूट रोये .
"चरण"
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