है कोई शख्स मेरे आंसू पोंछे ,
थक गया हूँ यार अब रोते रोते .
पता नहीं देख कर किसका सपना ,
जाग जाता हूँ नियमित सोते सोते .
खुद को दोस दूँ या दोस दूसरों को ,
हो गए कुछ औरकुछ होते होते .
यह जमीन वास्तविक बंजर निकली ,
थक गए सम्भावना बोते बोते .
इसे संभाल कर रखना मेरे भइया,
जो बचा है अंत में खोते खोते .
"चरण"
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