बाप के सर पर खड़े बच्चे ,
हो गए जबसे बड़े बच्चे .
बाप झुक कर हो गया कमान ,
अपनी जिद पर ही अड़े बच्चे .
खूंटियो पर टांग दी बाप की शिक्षा ,
जब चाहा जिससे लड़े बच्चे .
बाप तो टकरा गया चट्टान से ,
ठोकर लगी और गिर पड़े बच्चे .
आंसुओं में ढल रहे हैं आजकल ,
हर पिता के नख चढ़े बच्चे .
कितने सुंदर लग रहे हैं बाप को ,
दिल के शीशे में जड़े बच्चे .
गिड़गिड़अहट बाप की सुनकर भी न पिघले ,
हो गए देखिये कितने कड़े बच्चे .
जो कहा अक्सर फिसल कर गिर गया,
हो गए चिकने घड़े बच्चे .
"चरण"
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