Tuesday, May 24, 2011

हौसला कम नहीं...

मर रहे हैं  खप  रहे  हैं  गम नहीं है  दोस्तों ,
इतना  हौसला  भी कोई कम नहीं  है  दोस्तों . 
अपने कन्धों  पर उठाये घुमते हैं अपनी लाश ,
किन्तु फिर भी आँख अपनी नम नहीं है दोस्तों .
मोल भाव में न अपना वक्त यूं जाया करो ,
और होंगे बिकने वाले हम नहीं हैं दोस्तों .
दुत्कारिये मत हमपे थोडा सा भरोसा कीजिये ,
इन्सान हैं हम बेतुके मौसम नहीं हैं दोस्तों .
झेल लेंगे हर तरह की आग को तूफान को ,
मत समझना हममें इतना दम नहीं है दोस्तों .
हर जगह इच्छा बिना न हमको यूं लहराइए ,
हम तीज के त्यौहार के परचम नहीं हैं दोस्तों 
                                                   "चरण"

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