Thursday, February 2, 2012

हमें इन्तेजार है

तुम्हारी मुस्कराहट का हमें भी इन्तेजार है 
तुम्हे खुश देखने के वास्ते दिल बेकरार है 
तुम्हारी आँख के आंसू कहीं पर्वत न बन जाये 
इन्हें अब सूख जाने का हमें भी इन्तेजार है 
तुम हंसती हो तो लगता है क़ि मधुमास आ गया 
इस हंसी को देखने का फिर हमें अब इन्तेजार है 
तुम्हारे दर्द के पीछे कोई तो राज गहरा है 
इस राज के खुलने का हमको इन्तेजार है 
चली आओ हमारी बाँहों में शायद सकूँ मिले 
पुरानी जिंदगी को भूल जाने का हमें अब इन्तेजार है 
गुजर जाएंगे काले साये भी रफ्ता रफ्ता 
अब उजालों का हमें भी इन्तेजार है .
                                   "चरण" 

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