Thursday, February 9, 2012

पहले फुटपाथ की हर लाश उठा ली जाये 
फिर सड़क से कोई बारात निकाली जाये 
सिर्फ दीवार गिराने से न होगा कुछ भी 
अब तो बुनियाद की हर ईंट निकाली जाये .


कुर्सियां फुटपाथ के जज़्बात से अवगत नहीं 
हर तरफ दीवार ही दीवार है कोई छत नहीं 
सौंप बैठा वक्त उनको काम नवनिर्माण का 
आज अपनी ही दरारों से जिन्हें फुरसत नहीं .

No comments:

Post a Comment