Saturday, February 11, 2012

राजदरबार से फुटपाथ की बातें न करो 
पत्थरों से कभी जजबात की बातें न करो 
जहर भी सच के लिए पीलो तो कोई बात बने 
सिर्फ यूँ बैठ के सुकरात की बातें न करो .


वेशभूषा पहन पुजारी की 
है खड़ी शक्सियत शिकारी की 
होंठ पर वेद की ऋचाएं हैं 
हाथ में मूठ है कटारी की .

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