मुझको मेरे प्यार के इजहार का मौका तो दो
आ गयी हो तो मुझे आभार का मौका तो दो
तुम परी हो अप्सरा हो हूर हो मन्दाकिनी
आँख भर कर देख लेने का मुझे मौका तो दो
मैं समझता हूँ तुम्हारे प्यार के काबिल नहीं
फिर भी थोडा पास आने का मुझे मौका तो दो
तुम्हारे रूप रंग हुश्न का कायल हूँ मैं
तुम्हारी महक पाने का जरा मौका तो दो
तुम्हारी चाह में कितने दीवाने हो गए पागल
मुझे भी टूट जाने का जरा मौका तो दो
दूर से ही फूल बरसाती रहोगी होंठ से
मुझे भी मुस्कुराने का जरा मौका तो दो
तुम्हारी आँख है या झील है या हिंदमहासागर
मुझे भी डूब जाने का जरा मौका तो दो
मेरे दिल को कुचल कर जा रही हो जानेमन
बिखरे हुए टुकड़े उठाने का जरा मौका तो दो
"चरण"
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