Sunday, November 6, 2011

धरती पर चाँद

एक  चाँद पूनम का 
मैंने देखा है 
आकाश में नही 
पृथ्वी पर 
फटे चीथड़ों में लिपटा
चीथड़े 
जैसे वृक्छों के झुरमुट बन गये
चाँद का यौवन 
इन झुरमुटों से 
छन छन कर 
निकलता है 
बिखरता है 
बिसरता है 
बिफरता है 
पर कौन है 
जिसने 
उस ओर देखा है .
                "चरण"

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