जगमगाती सर्च लाईट के शहर में
टिमटिमाते छुद्र तारे क्या करेंगे
चींखती चिन्घारती आवाज के घर
कुलबुलाते मौन इशारे क्या करेंगे
बांध दी मझधार में लहरों की मुश्कें
दूर तक फैले किनारे क्या करेंगे
हो रहे आयात हर मौसम में बादल
मौसमी बादल बेचारे क्या करेंगे
रिश्वतें ले चल रही हैं अब हवाएं
वक्त के खिड़की द्वारे क्या करेंगे
दिन बबूली रात तपती रेत की सी
गुलमोहरी स्वप्न कुंवारे क्या करेंगे .
"चरण"
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