कविता है यह बाजीगर का खेल नहीं है
बच्चों को बहलाने वाली रेल नहीं है
इसमें जीवन का सत्य उतारा है हमने
यह लाल किले को बढती धक्कम पेल नहीं है
कविता अपनी मर्यादा में रहती है
इसी लिए तो सदियों से दुःख सहती है
मर्यादा को छोड़े भी तो कैसे छोड़े
पूर्वजो के आदर्शों को तोड़े भी तो कैसे तोड़े
इसी लिए चुपचाप अकेली रो लेती है
किन्तु दोगले बीज नहीं नहीं बोती है
कविता है गंगू तेली का तेल नहीं है .
"चरण"
कविता का हर आंसू एक अंगारा है
वक्त पडा सूरज को थप्पड़ मारा है
कविता में सारा ही विश्व सिमटता है
कविता से अन्धकार हिर्दय का मिटता है
कविता ही है मूल मंत्र इस सृष्टी का
कविता है प्रसाद ब्रह्म की दृष्टी का
कविता है यह चौपाटी की भेल नहीं है .
कविता है दुखते घाव सहला देती है
अच्छे अच्छों के दिल को दहला देती है
गिरे हुओं को पुनः उठाती है कविता
बड़बोलों को धरा सुंघाती है कविता
कविता ही सदभाव सिखाती है हमको
अड़े वक्त पर धैर्य दिलाती है हमको
कविता है यह ऐय्यासों का खेल नहीं .
युग परिवर्तन करने की सामर्थ छुपी है कविता में
साँपों का सर कुचलेगी यह शर्त छुपी है कविता में
सदियों से सोयी कविता अब फिर जागेगी
इस आँगन से काली आंधी भागेगी
चमत्कार अपना दिखलाएगी कविता
सुख वैभव के दरख़्त उगाएगी कविता
कविता है कई पार्टियों का मेल नहीं है
कविता है यह बाजीगर का खेल नहीं है .
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