Tuesday, July 26, 2011

हर रोज़ नया घाव दिए जा रहे हैं दोस्त

हर रोज़ नया घाव दिए जा रहे हैं दोस्त
दोस्त का अपमान किए जा रहे हैं दोस्त
कोल्हु में पिल रहे  हैं अपने हा मांस
शालीनता से श्रये लिए जा रहे हैं दोस्त
देखियेगा एक दिन पर्वत बना देंगे इसे
आज जो उपकार किए जा रहे हैं दोस्त
विष मिलाकर दूध में हमको पिला दिया
और अमृत स्वयम पिये जा रहे हैं दोस्त
विश्वासघात कर गया यह जानते हैं  हम
फिर भी तेरा नाम लिए जा रहे हैं दोस्त
ये हम ही आंखो  में समंदर लिए हुए
विपरीत हवा में भी जिये जा रहे हैं दोस्त .
                                                       "चरण"
हर रोज़ नया घाव दिए जा रहे हैं दोस्त
दोस्त का अपमान किए जा रहे हैं दोस्त
कोल्हु में पिल रहे  हैं अपने हा मांस
शालीनता से श्रये लिए जा रहे हैं दोस्त
देखियेगा एक दिन पर्वत बना देंगे इसे
आज जो उपकार किए जा रहे हैं दोस्त
विष मिलाकर दूध में हमको पिला दिया
और अमृत स्वयम पिये जा रहे हैं दोस्त
विश्वासघात कर गया यह जानते हैं  हम
फिर भी तेरा नाम लिए जा रहे हैं दोस्त
ये हम ही आंखो  में समंदर लिए हुए
विपरीत हवा में भी जिये जा रहे हैं दोस्त .
                                                       "चरण"
हर रोज़ नया घाव दिए जा रहे हैं दोस्त
दोस्त का अपमान किए जा रहे हैं दोस्त
कोल्हु में पिल रहे  हैं अपने हा मांस
शालीनता से श्रये लिए जा रहे हैं दोस्त
देखियेगा एक दिन पर्वत बना देंगे इसे
आज जो उपकार किए जा रहे हैं दोस्त
विष मिलाकर दूध में हमको पिला दिया
और अमृत स्वयम पिये जा रहे हैं दोस्त
विश्वासघात कर गया यह जानते हैं  हम
फिर भी तेरा नाम लिए जा रहे हैं दोस्त
ये हम ही आंखो  में समंदर लिए हुए
विपरीत हवा में भी जिये जा रहे हैं दोस्त .
                                                       "चरण"

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