मौन होते जा रहे हैं लोग मेरे देश में
अजगरों के चल रहे आदेश मेरे देश में
कल मुखौटा गिर गया तो हमने पहचाना
आप ही हमको मिले थे देवता के वेश में
रोकिये अब रोकिये यह मंत्रोचारण
बहुत कुछ हम सह रहे हैं मात्र भावावेश में
वक्त की पुकार है यह तक्त छोडिये
आप फिट होते नहीं हैं आज के परिवेश में .
"चरण"
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