आपके कानों में जो स्वर आ रहे हैं
आइनो से आइने टकरा रहे हैं ये स्वयम ही टूट कर बिखरेंगे एक दिन
आप और हम व्यर्थ ही घबरा रहे हैं
ये पुराने गीत हैं इनको सम्भालो
उस्ताद से कुछ धुन नई बनवा रहे हैं
खेद है कि आप फिर जगने लगे हैं
थहरिये कुछ स्वप्न फिर रचवा रहे हैं .
"चरण"
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