बसंत
शोर है गली गली खिल उठी कलि कलि
पुकारति पवन चली
बसंत आ गया -बसंत आ गया
धूल यूँ उड़ी कि ज्यों
अबीर हो गुलाल हो
बदन को चुम ले अगर
तो जिंदगी निहाल हो
एकता के राग को अलापता
बसंत आ गया बसंत आ गया
खेत लहलहा उठे
किसान मुस्कुरा उठे
पलास झूम्ने लगे
गगन को चुमने लगे
वसुंधरा के रूप को निखारता
बसंत आ गया बसंत आ गया
पुरानी पत्तियाँ झड़ी
शाख पर नई छड़ी
विरिक्छ तन बदल रहे
मस्त हो मचल रहे
कहीं पे पीत रंग है कहीं हरा हरा
बसंत आ गया बसंत आ गया
पीया के इंतज़ार में
जो रात काटती रही
आत्मा के दर्द को
निशा से बाँटति रही
पिया का रुप धारकर
बसंत आ गया बसंत आ गया
"चरण"
बसंत
शोर है गली गली
खिल उठी कलि कलि
पुकारति पवन चली
बसंत आ गया -बसंत आ गया
धूल यूँ उड़ी कि ज्यों
अबीर हो गुलाल हो
बदन को चुम ले अगर
तो जिंदगी निहाल हो
एकता के राग को अलापता
बसंत आ गया बसंत आ गया
खेत लहलहा उठे
किसान मुस्कुरा उठे
पलास झूम्ने लगे
गगन को चुमने लगे
वसुंधरा के रूप को निखारता
बसंत आ गया बसंत आ गया
पुरानी पत्तियाँ झड़ी
शाख पर नई छड़ी
विरिक्छ तन बदल रहे
मस्त हो मचल रहे
कहीं पे पीत रंग है कहीं हरा हरा
बसंत आ गया बसंत आ गया
पीया के इंतज़ार में
जो रात काटती रही
आत्मा के दर्द को
निशा से बाँटति रही
पिया का रुप धारकर
बसंत आ गया बसंत आ गया
"चरण"
बसंत
शोर है गली गली
खिल उठी कलि कलि
पुकारति पवन चली
बसंत आ गया -बसंत आ गया
धूल यूँ उड़ी कि ज्यों
अबीर हो गुलाल हो
बदन को चुम ले अगर
तो जिंदगी निहाल हो
एकता के राग को अलापता
बसंत आ गया बसंत आ गया
खेत लहलहा उठे
किसान मुस्कुरा उठे
पलास झूम्ने लगे
गगन को चुमने लगे
वसुंधरा के रूप को निखारता
बसंत आ गया बसंत आ गया
पुरानी पत्तियाँ झड़ी
शाख पर नई छड़ी
विरिक्छ तन बदल रहे
मस्त हो मचल रहे
कहीं पे पीत रंग है कहीं हरा हरा
बसंत आ गया बसंत आ गया
पीया के इंतज़ार में
जो रात काटती रही
आत्मा के दर्द को
निशा से बाँटति रही
पिया का रुप धारकर
बसंत आ गया बसंत आ गया
"चरण"
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