हर रोज़ नया घाव दिए जा रहे हैं दोस्त
दोस्त का अपमान किए जा रहे हैं दोस्त कोल्हु में पिल रहे हैं अपने हाद मांस
शालीनता से श्रये लिए जा रहे हैं दोस्त
देखियेगा एक दिन पर्वत बना देंगे इसे
आज जो उपकार किए जा रहे हैं दोस्त
विष मिलाकर दूध में हमको पिला दिया
और अमृत स्वयम पिये जा रहे हैं दोस्त
विश्वासघात कर गया यह जानते हैं हम
फिर भी तेरा नाम लिए जा रहे हैं दोस्त
ये हम ही आंखो में समंदर लिए हुए
विपरीत हवा में भी जिये जा रहे हैं दोस्त .
"चरण"
हर रोज़ नया घाव दिए जा रहे हैं दोस्त
दोस्त का अपमान किए जा रहे हैं दोस्त
कोल्हु में पिल रहे हैं अपने हाद मांस
शालीनता से श्रये लिए जा रहे हैं दोस्त
देखियेगा एक दिन पर्वत बना देंगे इसे
आज जो उपकार किए जा रहे हैं दोस्त
विष मिलाकर दूध में हमको पिला दिया
और अमृत स्वयम पिये जा रहे हैं दोस्त
विश्वासघात कर गया यह जानते हैं हम
फिर भी तेरा नाम लिए जा रहे हैं दोस्त
ये हम ही आंखो में समंदर लिए हुए
विपरीत हवा में भी जिये जा रहे हैं दोस्त .
"चरण"
हर रोज़ नया घाव दिए जा रहे हैं दोस्त
दोस्त का अपमान किए जा रहे हैं दोस्त
कोल्हु में पिल रहे हैं अपने हाद मांस
शालीनता से श्रये लिए जा रहे हैं दोस्त
देखियेगा एक दिन पर्वत बना देंगे इसे
आज जो उपकार किए जा रहे हैं दोस्त
विष मिलाकर दूध में हमको पिला दिया
और अमृत स्वयम पिये जा रहे हैं दोस्त
विश्वासघात कर गया यह जानते हैं हम
फिर भी तेरा नाम लिए जा रहे हैं दोस्त
ये हम ही आंखो में समंदर लिए हुए
विपरीत हवा में भी जिये जा रहे हैं दोस्त ."चरण"
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