यह हादसो का शहर है
यह हादसों का शहर है घबराइये नहीं
हर शक्स वस्रहीन है शर्माइये नहीं
सबकुछ लगेगा आप को सरकस का तमाशा
देखिये चुप चाप मुस्कुराइये नही
हीरों कि शक्ल में बिछी हैं बम जमीन पर
देखियेगा भूलकर उठाइए नहीं
बहुत मुस्किल है यहाँ सच बोलना ए दोस्त
भूलकर गंगा जली उठाइए नहीं
यह अदन कि वाटिका है सावधान मित्र
ज्ञान वृक्ष पर लगा फल खाइये नही
चील कव्वे गिद रहते हैं यहाँ पर अब
घाव अपने खोलकर दिखायिए नही
अभी अभी सुखाये है मैने मेरे आसु
क्रिपिया फिर से मुझे रुलायिए नही
आपके आने से बढ़ी है मेरी हिम्मत
अब अकेला छोड़ कर के जायिए नही.
"चरण"
bahot hi umda likhte hain aap.
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