में
चर्च के कोने में बैठा
आँखें लगाये
मंच पर खड़े
उस आदमी कि ओर देखता रहा
जिसने अपने ऊपर
पादरी का लिबास पहन रक्खा था
मैंने उसके मुँह से निकले
एक एक शब्द को बड़े ध्यान से सुना
शब्दों को -उन शब्दों को
जिन्हें उसने बड़े अच्छे ढंग से
सजा सवार कर
चर्च में बैठी उन भोली शक्लो के सामने
बड़ी चालाकी से प्रस्तुत किया
जो मेरी ही तरह
बार बार उसमें "पादरी में"
प्रभु ईसा मसीह को तलाश रही थी
छन मिनिट वा घंटे बीत गए
किंतु व्यर्थ सब कुछ व्यर्थ
वह केवल आदमी था
मात्र आदमी -कोरा आदमी -मेरी तरह
चर्च में बैठे और उन लोगों कि तरह
जो बाहर निकलते ही
ईश्वर के नाम पर झूठ बोलेंगे
"बाय गौड़"
"चरण"
चर्च के कोने में बैठा
आँखें लगाये
मंच पर खड़े
उस आदमी कि ओर देखता रहा
जिसने अपने ऊपर
पादरी का लिबास पहन रक्खा था
मैंने उसके मुँह से निकले
एक एक शब्द को बड़े ध्यान से सुना
शब्दों को -उन शब्दों को
जिन्हें उसने बड़े अच्छे ढंग से
सजा सवार कर
चर्च में बैठी उन भोली शक्लो के सामने
बड़ी चालाकी से प्रस्तुत किया
जो मेरी ही तरह
बार बार उसमें "पादरी में"
प्रभु ईसा मसीह को तलाश रही थी
छन मिनिट वा घंटे बीत गए
किंतु व्यर्थ सब कुछ व्यर्थ
वह केवल आदमी था
मात्र आदमी -कोरा आदमी -मेरी तरह
चर्च में बैठे और उन लोगों कि तरह
जो बाहर निकलते ही
ईश्वर के नाम पर झूठ बोलेंगे
"बाय गौड़"
"चरण"
No comments:
Post a Comment