Anubhav
Thursday, July 28, 2011
कविता
लिखना
सरल
है
,
कविता
को
जीना
कठिन
है
और
जब
तक
हम
कविता
को
जीते
नहीं
है
,
हम
उसकी
सार्थकता
को
सिद्ध
नहीं
कर
सकते
.
"
चरण
"
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