Tuesday, June 21, 2011

प्यार कर सको तो करो प्यार दोस्तों

प्यार कर सको तो करो प्यार दोस्तों 
आज वक्त की यही पुकार दोस्तों 
जागते रहो सब ओर देखते रहो
हो न तेज चाकुओं की धार दोस्तों

खून बहा कर भी जब अशांत हो गए 
ऐसी जीत से भली है हार दोस्तों 

गुनाह के बोझ से हमारे दब रही धरा 
और न बढाओ इसका भार दोस्तों 

बेसुरा हो जायेगा वीणा का स्वर यदि 
टूट गया इसका कोई तार दोस्तों 

कठिन समय कठिन सफ़र आसान हो गया 
मिलके जब चले हैं तीन चार दोस्तों 

डोली चाहे सलमा की हो मीरा की और की 
हम सब बनेंगे शान से कहार दोस्तों 

जब से प्रीत बाँटने लगे हो देश में 
आ गया है आप पर निखार दोस्तों 

जिन्दगी का कर्ज चुकाना है यहीं पर 
रह न जाए एक भी उधार दोस्तों 
प्यार कर सको--------------------.
                                     "चरण"

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