Thursday, June 2, 2011

हो गए जबसे बड़े बच्चे


बाप के सर पर खड़े बच्चे ,
हो गए जबसे बड़े बच्चे .

बाप झुक कर हो गया कमान ,
अपनी जिद पर ही अड़े बच्चे .

खूंटियो पर टांग दी बाप की शिक्षा ,
जब चाहा जिससे लड़े बच्चे .

बाप तो टकरा गया चट्टान से ,
ठोकर लगी और गिर पड़े बच्चे .

आंसुओं में ढल रहे हैं आजकल ,
हर पिता के नख चढ़े बच्चे .

कितने सुंदर लग रहे हैं बाप को ,
दिल के शीशे में जड़े बच्चे .

गिड़गिड़अहट बाप की सुनकर भी पिघले ,
हो गए देखिये कितने कड़े बच्चे .

जो कहा अक्सर फिसल कर गिर गया
हो गए चिकने घड़े बच्चे .
                             "चरण"

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