Monday, June 6, 2011

दोस्तों मैं ही नहीं बिका वर्ना


दोस्तों मैं ही नहीं बिका वर्ना 
इस बाजार में मेरे भी खरीदार बहुत हैं 

जाना है मुझको दूर बहुत दूर कहीं दूर 
मुझपर यहाँ बेवजह के उधार बहुत हैं 

करता रहा मैं एक ही ढर्रे की भूमिका 
जीने के लिए वर्ना यहाँ किरदार बहुत हैं 

मैं अकेला ही नहीं इस भीड़ में तनहा 
मेरी तरह के और भी खुद्दार बहुत हैं 

चुधिया रही हैं आँख मेरी दूर कीजिये 
आपके दर्पण ये चमकदार बहुत हैं 

साथियों ये जंग तो हारेंगे हम जरूर 
सैनिक हैं इसमें कम मगर सरदार बहुत हैं .
                                                 "चरण"

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