एक बेचारे किस्मत के मारे ने एक सेठ की पत्नी का कर डाला अपहरन
और सेठ को एक पत्र लिखा
महाशय
आपको सूचित किया जाता है
आपकी पत्नी हमारे कब्जे में है
पचास हजार रुपये ले आइए
और छुड़ा कर ले जाइए
दूसरे दिन
नियत समय पर सेठ तो नही आया
किंतु उसका नौकर एक पत्र ले आया
पत्र में लिखा था
दोस्त धनियवाद
जो तुमने मुझे पत्नी से मुक्त कराया
कुछ दिन बाद
उसी अपहरन करता का पत्र
फिर सेठ के पास वापिस आया
लिखा था
सेठ जी
अब मैं आपको पचास हजार रुपये दूँगा
कृपया मेरी जान बचाईये
आकर अपनी पत्नी को ले जाईये .
"चरण"
और सेठ को एक पत्र लिखा
महाशय
आपको सूचित किया जाता है
आपकी पत्नी हमारे कब्जे में है
पचास हजार रुपये ले आइए
और छुड़ा कर ले जाइए
दूसरे दिन
नियत समय पर सेठ तो नही आया
किंतु उसका नौकर एक पत्र ले आया
पत्र में लिखा था
दोस्त धनियवाद
जो तुमने मुझे पत्नी से मुक्त कराया
कुछ दिन बाद
उसी अपहरन करता का पत्र
फिर सेठ के पास वापिस आया
लिखा था
सेठ जी
अब मैं आपको पचास हजार रुपये दूँगा
कृपया मेरी जान बचाईये
आकर अपनी पत्नी को ले जाईये .
"चरण"
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