Sunday, August 21, 2011

अपशगुन

अपशगुन
एक दिन शाम को
थकी हारी बिल्ली
लौट कर अपने घर आई
बच्चों को सकुशल देखकर
मन ही मन मुस्कुराई
भूख से बिलबिलाते बच्चों ने
पास आकर पूछा
मम्मी
आज
बहुत देर से लौटकर घर आई हैं
बताओ
हमारे लिए क्या क्या लायी हैं
बिल्ली ने लम्बी साँस खींच कर कहा
आज तो खाली हाथ ही आई हुईं
गनीमत है
अपने आप को बचा लायी हूँ
घर से निकलते ही
अपशगुन हो गया था
एक आदमी
मेरा रास्ता काट गया था .
                                "चरण"

No comments:

Post a Comment